दालचीनी

आपने घर के मसालों की रानी, दालचीनी का उपयोग तो कई बार किया होगा। भोजन को सुगंधित बनाने के लिए हम इसका बहुत बार प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी हर बीमारी का इलाज करने में भी सक्षम है। आज हम दालचीनी के औषधीय गुणों के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।जब दालचीनी के साथ शहद का भी मेल हो जाए, फिर तो यह समझो सोने पर सुहागे वाली बात हो गई।
 
1–कैंसर – दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।
 
2–हृदय रोग – हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में दालचीनी सहायक होती है, क्योंकि यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। प्रतिदिन शहद और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें।
आप दालचीनी और शहद के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में डालकर भी ले सकते हैं। इसके प्रयोग से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
 
3–मोटापा – मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।
एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।
 
4 –जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी का प्रयोग आपको राहत देता है। इसके लिए प्रतिदिन दालचीनी का गर्म पानी में सेवन तो लाभप्रद है ही, इसके अलावा इस हल्के गर्म पानी की दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
इसके पानी को पीने से एक सप्ताह में संधिवात के दर्द से निजात मिलती है और एक महीने तक इका सेवन करने से चलने फिरने में असमर्थ लोग भी चलने में सक्षम हो जाते हैं। आर्थाइटिस के दर्द में भी दालचीनी काफी फायदेमंद साबित होती है।
 
5–सर्दी-खांसी – सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में दालचीनी बेहद असरकारक दवा के रूप में काम करती है। इसे पीसकर एक चम्मच शहद के साथ एक चुटकी मात्रा में खाने से जुकाम में लाभ मिलता है। आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं। दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है। इससे पुराने कफ में भी राहत मिलेगी।
 
6–पेट के रोग – अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्यों में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम मिलता है। इससे उल्टी-दस्त की समस्या में भी लाभ होता है, और भोजन का पाचन भी बेहतर होता है। शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट का अल्सर जड़ से ठीक हो जाता है।
 
7–सिर दर्द – ठंडी हवा लगने या सर्दी के कारण होने वाले सिरदर्द में दालचीनी का लेप करना फायदेमंद होता है। गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में दलचीनी और तेजपत्ते को मिश्री के साथ चावल के पानी में पीसकर सूंघने से सिरदर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल कुछ बूंदें, तिल के तेल में मिलाकर सिर पर मालिश करने से भी सिरदर्द ठीक हो जाती है।
दालचीनी को पानी में रगड़कर कनपटी पर गर्म लेप करने से भी आराम मिलता है। नियमित रूप से शहद और दालचीनी का सेवन करने से तनाव से राहत मिलती है, साथ ही स्मरणशक्ति भी बढ़ती है।
 
8–सौंदर्य – त्वचा और बालों के सौंदर्य में भी दालचीनी पीछे नहीं है। यह त्वचा को निखारने के साथ ही झुर्रियों को भी कम करती है। दालचीनी पाउडर में नीबू के रस में मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।
शहद और दालचीनी के पेस्ट को रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं और सुबह गरम जल से धो लें, इससे चेहरा कांतिमय हो जाता है। गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाकर इसे सिर में लगाए और पंद्रह मिनट बाद धो लें।
 
9–दालचीनी के तेल का प्रयोग दर्द, घाव और सूजन को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा की खुजली को भी समाप्त करने के साथ, दांतों के दर्द में भी राहत देती है। मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना बहुत लाभदायक होता है।
 
10– दालचीनी और शहद के मिश्रण का सेवन कान के रोगों को भी दूर करता है, और बहरेपन की समस्या को भी समाप्त करता है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में डालने से लाभ मिलता है। अस्थमा और लकवा लगने पर भी यह बेहद फायदेमंद होता है।

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